कांकेर रियासत केगांधी – इन्दरू केंवट जी .............
बस्तर के अबूझमाड़ अंचल में शहीद गेंदसिंह का स्वतंत्रता उद्घोष चिंगारी कि तरह फैल चूका था | आजादी की आंधी ने कांकेर की जनता को भी झकझोर के रख दिया | अंग्रेजो की दासता से छुटकारा पाने के लिए कांकेर रियासत में भी लोगो ने करवट लेना शुरू किया, जिसके अगुवा थे महान स्वतंत्रता सेनानी इन्दरू केंवट जी | गेंदसिंह के बलिदान से इन्दरू केंवट जी प्रभावित थे अत: उन्ही के पद चिन्हों पर चलकर उन्होंने नेतृत्व की कमान अपने हांथो में ले ली |
इन्दरू केंवट जी कांकेर रियासत के ग्राम सुरंगदाह के निवासी थे, जो वर्तमान में भानुप्रतापपुर तहसील के विकासखंड दुर्गकोंदल में स्थित है, इनके आन्दोलन का प्रारम्भिक स्वरुप हिंसात्मक था या एक क्रन्तिकारी विचारो से प्रेरित था | परन्तु बाद में महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के विचारो में प्रभावित होकर अहिंसात्मक तरीके से अंग्रेजो को भगाने का विचार किया | इन्दरू केंवट जी ने अपने दो अन्य साथी मंगलूराम और पातर हल्बा (सुकदेव) के साथ कांकेर रियासत में सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं जंगलो कि रक्षा के लिए जंगल सत्याग्रह कि शुरुवात की, जिसके लिए उन्होंने वन कर्मियों के विरुद्ध सत्याग्रह भी किया |
महात्मा गांधी के विचारो से प्रभावित इन्दरू केंवट ने खादी वस्त्र पहना और तिरंगा झंडा लेकरगांव-गांव घूमते हुए आजादी का शंखनाद किया | सन1923 में इनकी प्रथम मुलाकात महात्मा गांधी से हुई | इस मुलाकत के बाद कांकेर के आदिवासियों ने रियासत में अंग्रजो के खिलाफ आन्दोलन प्रारम्भ किया | जल्दी ही कांकेर रियासत विद्रोह का केंद्र बन गया | इन्दरू केंवट जी को पकड़ने के लिए अंग्रेजी प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी | एक घटना के अनुसार शरीर में डोरी तेल लगाने के कारण अंग्रेज सिपाहियों के हांथो से फिसलकर बचकर निकल गये, फिर भी अंग्रेजो ने उनका पीछा नही छोड़ा | ग्राम कुरे कुर से बाज़ार में अंग्रेज सिपाहियों ने इन्दरू केंवट जी और उनके साथियों को घेर लिया, पुरे बाज़ार में भगदड़ मच गयी | अंग्रेजो से बचने के लिए उन्होंने निकट की कोटरी नदी में कूदकर अपनी जान बचाई |
इन्दरू केंवट जी की जब मृत्यु (22/10/1965) हुई तब उनकी पेटी से तिरंगा झंडा, बिल्ला और कुछ कागजात मिले | वे सच्चे गाँधीवादी समर्थक और अनुयायी थे | आजीवन शोषण व अत्याचार के खिलाफ लड़ते हुए इतिहास के पन्नो पर इन्दरू केंवट जी अपना नाम अंकित कर गये |